_#कवी'धनूज. वंदे मातरम् कहने में हर्ज कैसा माँ को माँ कहने में शर्म कैसा ग़र जन्मे हो इसी मीठ्ठी में दफ़्न भी यहां होना है फिर ये तकल्लूफ़ कैसा ये तुम जैसो को हुआ है मर्ज़ कैसा ©Dhananjay(dhanuj) Sankpal #वंदे_मातरम् #धनूज #शायरी