उसकी तारीफ़ में आज दो लफ़्ज ही कहले, कल जो हो जाये दीदार तेरा,मुकम्मल हम ग़ज़ल कर ले, अधूरी शायरी मेरी, और बिखरे ज़ुल्फ़ जो तेरी, हो जाए जो तेरा दीदार, तो कर लूं मैं उसे पूरी, तेरे सिमटे हुए होठों से एक अल्फ़ाज़ भी निकले, जो लेले नाम तू मेरा, मुकम्मल हम गज़ल कर लें, जो तू मुस्कुरा जाए, तो फीकी धूप पड़ जाए, हवाएं भी सरमाये, दुपट्टा जब तू लहराए, तेरे होठो मेरे होठो से कोई शब्द एक ही साथ मे निकले, हिचक जाऊ में पर बोलो तुम,तो मुकम्मल हम ग़जल कर लें।।। #NojotoQuote new.....