फक़त हिन्दुस्तान ज़िंदाबाद, मेरा भारत महान कहने से कुछ नही होगा। एक दिन की आज़ादी मनाने से भला क्या होगा ? वतन के लिए रह-गुज़र जाने की तो आरज़ू बहुतों में है, महज़ आरज़ू से कुछ नही होगा, हो गर आबरू ज़हन में वतन के लिए तब जाकर तिरंगा आसमाँ में लहरेगा। "73वाँ स्वतन्त्रता दिवस, शहीदों को शत शत नमन" फक़त हिन्दुस्तान ज़िंदाबाद, मेरा भारत महान कहने से कुछ नही होगा। एक दिन की आज़ादी मनाने से भला क्या होगा ? वतन के लिए रह-गुज़र जाने की तो आरज़ू बहुतों में है, फक़त आरज़ू से कुछ नही होगा, हो गर आबरू ज़हन में वतन के लिये तब जाकर तिरंगा आसमाँ में लहरेगा।