कुछ तो कहीं बिखर रहा है, हर पुराना पल गुज़र रहा है, कुछ तो पीछे छूट रहा है, कोई तो कहीं टूट रहा है, ज़िन्दगी का रुख बदल रहा है, मेरा मुकद्दर भी मुझसे कह रहा है, धड़कनों का सिलसिला रुक सा रहा है, जुदाई का मौसम लगता है आ गया, साथ चलते- चलते हाथ छूट रहा है, वक़्त कह रहा है ........ मेरा मुकद्दर मुझसे रूठ रहा है।। #kumkum