#OpenPoetry अच्छा ही हुआ कि हमे इश्क न हुआ किसी के आँखो लबो हुस्न जुल्फो का शिकार न हुआ बेवजह ही हम उनके इश्क मे पागल हो जाते अच्छा ही हुआ कि मेरा बाइक चालू न हुआ मै बार बार ब्रेक लगाता और वो हमे कसके पकड़ लेती मेरे ब्रेक लगाने से उन्हे कुछ होता उनके पकड़ने से हमे कुछ होता इसी कुछ कुछ मे बहुत कुछ होता बात कहाँ से कहाँ तक पहँुच गया होता न मुझे कुछ हुआ न उन्हे कुछ हुआ अच्छा ही हुआ कि कुछ न हुआ... Achha hi huva