Alone ख्वाहिशों पर पहरा था, जनाब। अश्क हमारे जज्वाती थे, जनाब। हर ख्वाब मेरा बेनकाब सा था, जनाब। हर ख्वाहिशों पर पहरा था, जनाब । हर इस मचलते शहर मे बहुत शोर शराबा था, साहब। - इट्स #ख्वाहिशे#है#मेरी