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वह सफर मे मिली थी मुझे कुछ पल दो पल के लिये । मैं

वह सफर मे मिली थी मुझे कुछ पल दो पल के लिये ।
मैं चलना चाहता था उसके साथ जिंदगी भर के लिये ।
कमबख्त उसका स्टेशन आ गया ।
चाहत तो बहोत थी उसको रोकने की मेरे दिल मे ।
पर चाहकर भी उसे रोक नही सका ।
वह नज़रे मिलाकर चली गई बगैर कुछ कहै ।

©SIDDHARTH SHENDE s2 #Rok_nahi_paye  rekhabaroliya Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" NIDHI Sharma Rits dream SgR…
वह सफर मे मिली थी मुझे कुछ पल दो पल के लिये ।
मैं चलना चाहता था उसके साथ जिंदगी भर के लिये ।
कमबख्त उसका स्टेशन आ गया ।
चाहत तो बहोत थी उसको रोकने की मेरे दिल मे ।
पर चाहकर भी उसे रोक नही सका ।
वह नज़रे मिलाकर चली गई बगैर कुछ कहै ।

©SIDDHARTH SHENDE s2 #Rok_nahi_paye  rekhabaroliya Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" NIDHI Sharma Rits dream SgR…