शरण तिहारे आये माधव🙏 अब ताे खाेलाे द्वार🙏 मांगे माफी सब त्रुटियण की🙏 सुन लाे अरजिया हमार 🙏 महाभारत के विंध्वस से बचा लाे हमें🙏 उठाओ गाेर्वधन माैत की बारिश से छुपा लाे हमे🙏 अब बरसा दाे अपने स्नेह की फुहार🙏 तेरे अपने,तेरी शरण में है,🙏 कराे कृपा है बांके सरकार🙏🙏 पता नहीं कल क्या हाेगा वक्त क्या खेल दिखायेगा किसका साथ बना रहेगा साथ किसका छूट जायेगा काैन जाने कल हम ना रहे जाने किस-किस काे किस्सा हमारा याद आयेगा माधव अब बस तेरा आसरा