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आज फ़िर दिल होकर उदास रोया है। जैसे किसी जौहरी ने

आज  फ़िर  दिल होकर उदास रोया है।
जैसे किसी जौहरी ने हीरे को खोया है।।

आज क्या हुआ ऐसा कि तूने बात भी न की,
और रात भर तू चैन की नींद भी सोया है।

ऐसा क्या गुनाह हुआ मुझसे ए मेरे दोस्त ,
क्यों तूने रात भर तकिया भिगोया है।

मेरा यही कसूर है कि मेरे नादान दिल ने,
तुझे लेकर  एक  ख्याव सजोंया है।

तू करीब था तो जैसे  कायनात थी हासिल,
तू जो दूर है तो जैसे मैनें खुद को खोया है।

©Rajesh Kumar"Tanha" #tanhawritings 
#tanhagazal
आज  फ़िर  दिल होकर उदास रोया है।
जैसे किसी जौहरी ने हीरे को खोया है।।

आज क्या हुआ ऐसा कि तूने बात भी न की,
और रात भर तू चैन की नींद भी सोया है।

ऐसा क्या गुनाह हुआ मुझसे ए मेरे दोस्त ,
क्यों तूने रात भर तकिया भिगोया है।

मेरा यही कसूर है कि मेरे नादान दिल ने,
तुझे लेकर  एक  ख्याव सजोंया है।

तू करीब था तो जैसे  कायनात थी हासिल,
तू जो दूर है तो जैसे मैनें खुद को खोया है।

©Rajesh Kumar"Tanha" #tanhawritings 
#tanhagazal