Religion जहा आच्छाई है वो धर्म है.. जहा सच्चाई है वो धर्म है.. जहा अपनी ख़ुशी से पहले दुसरो कि ख़ुशी हो वो धर्म है.. जहा प्रेम करूना ज्ञान हो वो धर्म है.. जहा मानवता हो वो धर्म है.. धर्म और कही नही मनुष्य के ह्रिदय मे है। -युगंधर thought on Dharma