मौसम है दिल्लगी का तो दर्द कैसा ? दिया है घाँव जब अपनों ने तो हर्ज़ कैसा ? बेखुदी में उनकी हम यहाँ पागल हुए बैठे हैं मुझ दीवाने को उसने पागल बना ही दिया जब तो कर्ज़ कैसा ? मौसम है दिल्लगी का दर्द कैसा ....? #ThankYouForMakingMeSo