दीद-ए-बेख़बाब को इंतजार किसका है इन टूटती हुई सांसों पे उधार किसका है गर ताजमहल निशानी है सच्चे इश्क़ की तो यह खंडहर सा मज़ार किसका है हर आस्तीन में चमकता ख़ंजर छुपा है मुद्दा यह है के आज शिकार किसका है ताला लगा है और चाबी की ख़बर नही यह बजूद मेरा गिरफ्तार किसका है हर शख़्स तेरी जान लेने पर आमादा है "क़ासिद" तू बता तू गुनहगार किसका है @विवेक ©vivek netan #hindi_poetry #Hindi #gajal #best_poetry #Urdughazal #urdu #standAlone