क्या करू मेरे बस मे नही की कुदरत का लिखा हुआ काटता, अपने जिन्दगी के कुछ पल तेरे साथ भी काटता, हो कोई वो शाम जो तेरे बगेर काटनी पडे, खुद जीना छोड देता पर,पर तेरे बगेर शाम न काटता ....Mr.Raj✍ 😑😑😑