कुछ दर्द और तक़लीफ़ ऐसी होती है जो किसी के सामने ब्यान नहीं किया जा सकाता कर भी दू तो कोई समझ नहीं सकता कि वो चीज़ मुझे अंदर ही अंदर खाए जा रही है जो कभी सपनों में नहीं सोचे वो जिंदगी मुझे हकीकत में दिखा रही है ये कोई इंतेहां तो नहीं हो सकता जिंदगी तू बटा किस जन्म का बदला तू इस जन्म में ले रह है कितनी कम उमर में मुझे क्या-क्या सिखा रही है खैर सिख तो राही हूं मैं जितना टूटना वह टूट गया जो मेरे हाथ से छूट गया था वह छूट गया रो कर भी कुछ हासिल नहीं होगा अब सोचा है खुद को है संभालना जीना भी है तुझे जी भर अब तू जितना मर्जी गम दे दे मैं अब हर तरह से तैयार हूं तू देख अब कैसी किस्मत को करती हूं खुद पे कुर्बान हूं जंग अब जारी है पर इस बार मेरी बारी है love you zindagi ❣️❣️ ©Pratibha Paswan #freebird शायरी attitude दोस्त शायरी शायरी लव