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बरसों से सींचा था इश्क़-ए-दरख़्त को संग-ए-नसीब उड़ा ग

बरसों से सींचा था इश्क़-ए-दरख़्त को
संग-ए-नसीब उड़ा गया पत्ते मोहब्बत के।।
#राज़ #NojotoQuote
बरसों से सींचा था इश्क़-ए-दरख़्त को
संग-ए-नसीब उड़ा गया पत्ते मोहब्बत के।।
#राज़ #NojotoQuote