White बेबसी में भी हौसला तू है। खामोशी में भी एक सदा तू है।। दिल ने मीठी सी आँच रहती है। शाम ए तन्हा में दूसरा तू है।। जो भी मंजर है तू है पसमंजर। देखता हूँ मैं जिस जगह तू है।। तुझ को तय करके खुद को पाया है। मुझ से तुझ तक का फासला तू है।। करते दिल में बगैर खौफ ए खिजा। ख्वाब होने का वलवला तू है।। मेरे मन की रिहाई को रमजानी अक्सर। जिसका रहता है सामना तू है।। 22/8/15 ©MSA RAMZANI #ghazal Sarfraz Ahmad