कही इसका ढिकाना भी नही है मगर ये दिल दीवाना भी नही है । तुम्ही से दिल लगाना चाह रहे है तुम्ही से दिल लगाना भी नही है तुम्हे अपना कहँगे, भूल जाना तुम्हे अब आज़माना भी नही है इसी पत्थर से ठोकर लग चुकी है मगर इसको उठाना भी नही है हमेशा ही निशाने पर लगेगा मेरा ऐसा निशाना भी नही है उसे दिल मे बसाकर क्या करोगे उसे जब कुछ बताना भी नही है एक ऐसे जेल है दुनिया इशात जहा पर आना जाना भी नही है कही इसका ढिकाना भी नही है मगर ये दिल दीवाना भी नही है । तुम्ही से दिल लगाना चाह रहे है तुम्ही से दिल लगाना भी नही है तुम्हे अपना कहँगे, भूल जाना तुम्हे अब आज़माना भी नही है