मैं मुसाफ़िर हूँ, मुझे चलना जरूरी था। थी हालात ऐसा घर से निकलना जरूरी था। वक्त हिज्र का आया तो आँसू पीकर, मुस्कुरा कर अपने हीं इरादों को बदलना जरूरी था। ©Geetkar Niraj #geetkarniraj #परदेश #वक्त #Darknight