रोटी उसकी घायल पड़ी थी, और भूख चबा कर पचा गया। अंतड़ी की गठरी बनाकर, भर दुपहरी स्वेद जलाता था। विरह ये वीरवार का दिन, दीन का पीर न वारा जाता था। जुम्मा,शनिचर और मास खत्म, मालिक भाड़े को तमतमाता था। मजदूर दिवस सब मनाए , इक मजबूर ही लाभ न पाता था। #mazdoordiwas #laborsday #1may_labourday #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqtales #yqhindi