*💕खुद को समेट के, 💕खुद में सिमट जाते हैं हम...💕!!* *एक याद उसकी💕 आती है.. 💕फिर से बिखर जाते है हम...!!* गौरव सैनी... hii..... Poetry Stage Rao Divya Yaduvanshi ❣️