साथ वही है जो जो खड़ा तुम्हारे साथ नही, बल्कि खड़ा तुम्हारे पीछे है, जिसके हाथों में तुम्हारा हाथ नही, बल्कि कंधा तुम्हारा, उसके हाथ के नीचे है, जिसे तुम्हारे तन की आस नही, बल्कि आत्मा तुम्हारी खींचे है, जिसे मतलब नही, स्वार्थ नही, बल्कि प्रेम तुम्हारा सींचे है, जो बेशक खड़ा तुम्हारे साथ नही, बल्कि खड़ा तुम्हारे पीछे है। ©Anonymous #Neha_Bhargava