मतभेदों, स्वार्थ, जिद, और चालाकी के वेश में मुलाकात क्या करती ? फल खाते- खाते इंसान को नहीं हुई, पेड़ों की फ़िक्र, तो बरसात क्या करती ? By-Amit Teddy Maurya