फक्र नहीं पड़ता अगर, फ़र्क नहीं पड़ता अगर, तुझसे कोई रिश्ता ना होता अगर तुझे अपना कहकर गले लगाया ना होता, अगर तूने मुझे सबसे यह कहकर मिलाया ना होता कि, मेरा सारा जहां मेरी दीदी माँ है, फ़र्क नहीं पड़ता अगर तूने इतना हक़ जताया ना होता, मेरी हर बात को यूँ दिल से नहीं लगाता और बात बात पर जहां छोड़कर जाने की धमकी ना देता हाँ..! तब फ़र्क नहीं पड़ता अगर मैं यूँ भावुक नहीं होती और तू हर बार, बार बार ख़ुद को बेटा कहकर ना रोता, पर अभी फ़र्क पड़ता है पगले बहुत फ़र्क पड़ता है , पर किसको बताऊँ कि वो पगलू मुझसे कितना और क्यों नाराज़ है..!! ©Aishani तू सचमुच पगलू है रे बाबू..! #doesnotmatter