तनिक मात्र भी नहीं अंतर पुष्प सज्जित पूजा के थाल में और तेरे बिंदी शोभित भाल में जैसे वो प्रज्वलित दीप वैसा ये अरूणिम वदन है गीले फूलों की पंखुड़ियों वाली बूंदें तेरी बरौनी पर भी तो मगन है ! ये थाल अर्पित किसी अलौकिक शांति को तुम्हारा मुख अर्चित मेरी लौकिक शांति को ज्यों ये कुमकुम इक तिलक प्रयोजन को है ये बिंदिया तुम्हारी भी तो उसी आयोजन को है हर सूक्ष्मता से खोज कर देख लिया , मगर नहीं श्लेष मात्र भी अंतर इस पुष्प सज्जित पूजा के थाल में और तेरे बिंदी शोभित भाल में !— % & कुछ भी तो अंतर नहीं शायद यही प्रकृति है ! Thanks for lovely pokes 😊🙏 #कविताएँज़िंदारहतीहैं #yqhindi #yqbaba #yqdidi #love