हाथो की लकीरें ताड़ती है आँखे... दिखती तू नहीं ये कैसी सजाये... है मालूम दीवारें बंद कमरे की मेरे... है दूरी सबसे तेरे लिए वफायें... कदम लड़खड़ाते तेरे इन रास्तो पे... तेरे आहट हमारे धड़कनों को नचाये.... खुद की महफिलों मे है हम अकेले... तू नहीं, बातेँ करते है तेरे साए ....... जहां तुम हो मेरा ये कहने से डरते.... कोई शोर हो या उसे कह दे हवाएं.... है उसी के किस्से ये किताबों मे मेरे.... तू कहानी मेरी बाकी लोग है पराये.... ये मंदिरों मे उठते मेरे हाथ देखो... लबों पे है मेरे तुझी को दुआएँ... लबों पे है मेरे तुझी को दुआएँ... लबों पे है मेरे तुझी को दुआएँ........ दुआएँ...... #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqtales #yqhindi #yqshayari #poemporn