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ये बारिश का मौसम* *******************************

ये बारिश का मौसम*
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ये बारिश का मौसम भी क्या खूब होता है,
भिगो देता ये  हर प्राणी का  तन मन तो,
धरा का रूप  इस मौसम में निखर आता है,
चारों ओर हरियाली छा जाती इस मौसम में,
माटी की सुगंध से सारा  वातावरण महक जाता है,।

चारों ओर दादुर के स्वर गूँजे,कहीं मयूर नृत्य दिखाता है,
 कहीं गूँजती मतवाली काली कोयल की  मीठी मीठी बोली,,
कहीं  सरिता का जल  बढ़चढ़ कर अपना जोश दिखाता है,
तप्त धरा को मिलती शीतलता,हर बीज अंकुरित हो जाता है ।

ये बारिश का ही मौसम है, जो नाना रूप दिखाता है,
 जो हो जाए  इसका रौद्र रूप तो  सब कुछ इसकी भेंट चढ़ जाता है ,
ये प्रकृति का ऎंसा रूप ,जिस पर किसी का बस नहीं चल पाता है,
जब दिखा दे ये अपना भयानक रूप हर कोई लाचार हो जाता है।

इसी से होती प्यासी  वसुधा की जलापूर्ति, 
इसी से खेत खलिहान फसलों से लहराता है,
सागर का भी खाली होता कोष  इसी से भर पाता है,
इसी लिए ये बारिश का मौसम मन को भाता है।

©Dayal "दीप, Goswami.. #Drops  Neetu Sharma  bhamini Anshu writer  Antima Jain Omi Sharma  RAVINANDAN Tiwari
ये बारिश का मौसम*
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ये बारिश का मौसम भी क्या खूब होता है,
भिगो देता ये  हर प्राणी का  तन मन तो,
धरा का रूप  इस मौसम में निखर आता है,
चारों ओर हरियाली छा जाती इस मौसम में,
माटी की सुगंध से सारा  वातावरण महक जाता है,।

चारों ओर दादुर के स्वर गूँजे,कहीं मयूर नृत्य दिखाता है,
 कहीं गूँजती मतवाली काली कोयल की  मीठी मीठी बोली,,
कहीं  सरिता का जल  बढ़चढ़ कर अपना जोश दिखाता है,
तप्त धरा को मिलती शीतलता,हर बीज अंकुरित हो जाता है ।

ये बारिश का ही मौसम है, जो नाना रूप दिखाता है,
 जो हो जाए  इसका रौद्र रूप तो  सब कुछ इसकी भेंट चढ़ जाता है ,
ये प्रकृति का ऎंसा रूप ,जिस पर किसी का बस नहीं चल पाता है,
जब दिखा दे ये अपना भयानक रूप हर कोई लाचार हो जाता है।

इसी से होती प्यासी  वसुधा की जलापूर्ति, 
इसी से खेत खलिहान फसलों से लहराता है,
सागर का भी खाली होता कोष  इसी से भर पाता है,
इसी लिए ये बारिश का मौसम मन को भाता है।

©Dayal "दीप, Goswami.. #Drops  Neetu Sharma  bhamini Anshu writer  Antima Jain Omi Sharma  RAVINANDAN Tiwari