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गीतों का पहला मुक्तक तुम, छंदों के जैसी रुनझुन

गीतों का पहला मुक्तक  तुम,  छंदों  के जैसी रुनझुन तुम ।
तुम मक्ता हो गजलो  वाला,  शायर शेरो की गुनगुन तुम ।।

गीतों में श्रृंगार  भरो  तुम,   शब्दो  में  रस  प्यार भरो तुम ।
तुम उर्दू में लहज़ा  भरती,   प्रेयस  में   इकरार  भरो तुम ।।

तुम सब हर्फो का मेला हो, हर गीत गज़ल कविता सी तुम ।
तुम्हे नज़्म कहूं  या  गीत कहूं,  हिंदी  उर्दू  सरिता सी तुम ।।

तुमको  लिखते  पढ़ते  जाए,  इच्छाएं  यह  यौवन  की है ।
मैं छोटे कस्बे का लड़का,  वो दिल्ली वाली लड़की हैं ||16||

                                            ¢ डा• रामवीर गंगवार





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©Ramveer Gangwar #ramveergangwar #drramveer #dilliwali 

#sunkissed
गीतों का पहला मुक्तक  तुम,  छंदों  के जैसी रुनझुन तुम ।
तुम मक्ता हो गजलो  वाला,  शायर शेरो की गुनगुन तुम ।।

गीतों में श्रृंगार  भरो  तुम,   शब्दो  में  रस  प्यार भरो तुम ।
तुम उर्दू में लहज़ा  भरती,   प्रेयस  में   इकरार  भरो तुम ।।

तुम सब हर्फो का मेला हो, हर गीत गज़ल कविता सी तुम ।
तुम्हे नज़्म कहूं  या  गीत कहूं,  हिंदी  उर्दू  सरिता सी तुम ।।

तुमको  लिखते  पढ़ते  जाए,  इच्छाएं  यह  यौवन  की है ।
मैं छोटे कस्बे का लड़का,  वो दिल्ली वाली लड़की हैं ||16||

                                            ¢ डा• रामवीर गंगवार





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©Ramveer Gangwar #ramveergangwar #drramveer #dilliwali 

#sunkissed