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मां तुम ऐसी क्यो हो...... अपने दिल के अंदर ही अपने

मां तुम ऐसी क्यो हो......
अपने दिल के अंदर ही अपने इच्छाओं को
रख लेती हुं , मेरी जीद पुरी करने के लिए 
तुम पापा से भी झगड़ लेती हुं "मां तुम ऐसी
क्यो हुं" ।।

तुमने हम सब को सम्भाल रखा है , तुमने हम
सब को एक साथ एक परिवार में बांध रखा है।
जो टुटा धागा मां तेरी परछाई का तो सारे मोती 
बिखर जाएंगे , तेरी बिना मां हम किधर जाएंगे।।

सब को खाना खिला कर तुम खाती हु, एक रोटी 
होने पर भी तुम कैसे अपना पेट भरा जताती हूं।।
मां तुम ऐसी क्यो हूं।। #मा #मेरी_दुनिया
मां तुम ऐसी क्यो हो......
अपने दिल के अंदर ही अपने इच्छाओं को
रख लेती हुं , मेरी जीद पुरी करने के लिए 
तुम पापा से भी झगड़ लेती हुं "मां तुम ऐसी
क्यो हुं" ।।

तुमने हम सब को सम्भाल रखा है , तुमने हम
सब को एक साथ एक परिवार में बांध रखा है।
जो टुटा धागा मां तेरी परछाई का तो सारे मोती 
बिखर जाएंगे , तेरी बिना मां हम किधर जाएंगे।।

सब को खाना खिला कर तुम खाती हु, एक रोटी 
होने पर भी तुम कैसे अपना पेट भरा जताती हूं।।
मां तुम ऐसी क्यो हूं।। #मा #मेरी_दुनिया