New Year 2024-25 ["इंसानियत का सवाल"] जो धर्म के नाम पर जंग कराते हैं, एक भाई को दूजे से लड़ाते हैं। अपनी सियासत के खेल में अक्सर, मासूमों का खून बहाते हैं। मगर ये ज़मीं और हवा कहेगी, इंसान का धर्म इंसानियत है। नफरत को मिटाकर, प्यार बोएंगे, यही तो असली इबादत है। ©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #NewYear2024-25 #["इंसानियत का सवाल"] sad shayari shayari on life