आप ही थे मेरे प्रथम शिक्षक आप ही मार्गर्शक, राह की सभी मुश्किलों का आप ही थे प्रथम सहायक, बहुत रह लिया दूर आप से अब तो अपने पास बुला लो ना, अपनी राजदुलारी को फिर से गोद में बिठाकर दुलार दो ना, क्यों छोड़ के हाथ चल दिए ऐसी क्या नाराजगी भला, मेरी हर खुशी हर त्योहार मेरे अधूरे हैं आपके बिना, रहते हो मुझमें हमेशा मेरी हिम्मत बढ़ाते हो, थक जाए जो कभी सोच मेरी तो मेरा सर सहलाते हो, कुछ दुख होते हैं इतने गहरे कहे ना जाए अपनी जुबानी, यूँ तो तोड़ना, आसां ना था मुझे, आज टूटे हैं तो, किसी, अपने की हैं मेहरबानी , पल पल टूटती हूंँ आखिर आपकी राजकुमारी हूंँ, काश आप होते तो संभालते मुझे .....पापा कैसे कहूँ जिन्दगी की चोटों से अब मैं हारी हूँ । Miss u Papa ♥️ Challenge-605 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ Happy Father's Day ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।