जटा में है गंगा की धारा गले में है सर्पों की माला बाघ छाल का वस्त्र सजाए झूम झूम डमरू वो बजाए। स्वामी वो तीनों लोकों का है देव-दैत्य वो दोनों का है कैलाशों में वास है जिसका महादेव है नाम उसी का। _प्रज्ञा चंद्र ©Pragya Chandra #pragyachandra #shivratri2022 #mahadeva #mahashivratri