जिन्दगी मे फिर एक बार बहार आयेगी मुराछाई हुई कलीं फिर से मुस्कायेंगी रात चाहे हो कितनी भी काली सुबह जरूर आएगी घोसले मे बैठी है जो चिराइयाँ फिर से पंख फैलाएगी we will free from corona one day.....divyatomer