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दिनांक :-२७/०१/२०२१ दिन:-बुधवार विधा:-दोहा विषय:-व

दिनांक :-२७/०१/२०२१
दिन:-बुधवार
विधा:-दोहा
विषय:-वंदना
*******************************
मात- पिता गुरुदेव बिन,सफल होति नहि काज।
मात-पिता गुरुदेव को,वंदन मेरा आज।।(१)

पाहन की पूजा करी, 
सकल हुआ ना काज। 
मात-पिता वंदन किया,
सफल हुआ मैं आज।।(२)

रखा उदर में माह नव,
वंदन उसको आज।
हाथ पकड़ जिनकी चला,
उन पर मुझको नाज।।(३)

जीवन का तम दूर कर,
दिया खुला आकाश।
उस गुरू को वंदन करुँ,
किया तमस का नाश।।(४)

मेरे भाव -विचार को,
दिया सदा ही मान।
नमन आज उस मन्च को,
मिला जहाँ सम्मान।।(५)
********************************
नाम:-अमर'अरमान'
पता:- बघौली,हरदोई ,उत्तर प्रदेश
मोब. 7651997046

©Amar'Arman' दोहे 
#Amar #amararman #lakshya #chitralekha #chitralekhaekmuqaddaspremkahani #chitralekha2

#WallTexture
दिनांक :-२७/०१/२०२१
दिन:-बुधवार
विधा:-दोहा
विषय:-वंदना
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मात- पिता गुरुदेव बिन,सफल होति नहि काज।
मात-पिता गुरुदेव को,वंदन मेरा आज।।(१)

पाहन की पूजा करी, 
सकल हुआ ना काज। 
मात-पिता वंदन किया,
सफल हुआ मैं आज।।(२)

रखा उदर में माह नव,
वंदन उसको आज।
हाथ पकड़ जिनकी चला,
उन पर मुझको नाज।।(३)

जीवन का तम दूर कर,
दिया खुला आकाश।
उस गुरू को वंदन करुँ,
किया तमस का नाश।।(४)

मेरे भाव -विचार को,
दिया सदा ही मान।
नमन आज उस मन्च को,
मिला जहाँ सम्मान।।(५)
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नाम:-अमर'अरमान'
पता:- बघौली,हरदोई ,उत्तर प्रदेश
मोब. 7651997046

©Amar'Arman' दोहे 
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