करूंगी मैं भी शिकायत इक रोज अपने रब से, हमें उसे मिलाया क्यों भला था, जिसे किस्मत में लिखा तूने नहीं था...!! मुहब्बत के चिराग दिल में जलाया क्यों भला था, हाथों की लकीरों में जिसका नाम लिखा तूने ही नहीं था...!!! मेरे अल्फ़ाज़ ✍️ ©Rukhsar Khanam #chaandsifarish #करूंगी मैं भी शिकायत इक रोज अपने रब से, हमें उसे मिलाया क्यों भला था, जिसे किस्मत में लिखा तूने नहीं था...!! मुहब्बत के चिराग दिल में जलाया क्यों भला था, हाथों की लकीरों में जिसका नाम लिखा तूने ही नहीं था...!!! मेरे अल्फ़ाज़ ✍️