माैत वही जाे दुनियां देखे कायर की तरह मरना क्यां??? अनुशीर्षक में पढें... गर्जन कराे तुम गर्जन कराे मेघ की तरह गर्जन कराे अर्पण कराे तुम अर्पण कराे मातृभूमि के चरणाें में शिश , तुम अपना अर्पण कराे.. नर्तण कराे तुम नर्तण कराे, शव पर शत्रु के तुम नर्तण कराे... कीर्तन कराे तुम कीर्तन कराे,