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*कविता-एक आदिवासी मजदूर* मैं एक गरीब आदिवासी मजदू

*कविता-एक आदिवासी मजदूर*

मैं एक गरीब आदिवासी मजदूर हूं।
शहर की चमक-दमक से बहुत दूर हूं।
मैं भारत की नींव हूं, आधार हूं।
भारतीय संस्कृति की धरोहर हूं।
कमल खिला एक सरोवर हूं।
मैं एक गरीब आदिवासी मजदूर हूं।
भोला भाला, ईमानदार,
मेहनतकश, लेकिन मजबूर हूं।
जी तोड़ मेहनत करके
दो जून रोटी जुटा पाता हूं।
तब जाकर कहीं जी पाता हूं।
क्योंकि मैं ग़रीब आदिवासी मजदूर हूं।
अमीरों की सीढ़ी हूं।
वक़्त की मारी पीढ़ी हूं।
जंगल में हमारा बसेरा है
हर दिन नया सवेरा है।
मैं तो एक गरीब आदिवासी हूं
प्यारे हिंद का बासी हूं।।
****
*-राजीव नामदेव "राना लिधौरी"*
संपादक- 'आकांक्षा' पत्रिका
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे शिवनगर कालोनी 
टीकमगढ़ (म.प्र.) 472001
मोबाइल-9893520965

©Rajeev namdeo "Rana lidhori" #कविता #आदिवासी #राजीव_नामदेव  #राजीव_नामदेव_राना_लिधौरी #मजदूर  #मजदूर_दिवस 

#CalmingNature
*कविता-एक आदिवासी मजदूर*

मैं एक गरीब आदिवासी मजदूर हूं।
शहर की चमक-दमक से बहुत दूर हूं।
मैं भारत की नींव हूं, आधार हूं।
भारतीय संस्कृति की धरोहर हूं।
कमल खिला एक सरोवर हूं।
मैं एक गरीब आदिवासी मजदूर हूं।
भोला भाला, ईमानदार,
मेहनतकश, लेकिन मजबूर हूं।
जी तोड़ मेहनत करके
दो जून रोटी जुटा पाता हूं।
तब जाकर कहीं जी पाता हूं।
क्योंकि मैं ग़रीब आदिवासी मजदूर हूं।
अमीरों की सीढ़ी हूं।
वक़्त की मारी पीढ़ी हूं।
जंगल में हमारा बसेरा है
हर दिन नया सवेरा है।
मैं तो एक गरीब आदिवासी हूं
प्यारे हिंद का बासी हूं।।
****
*-राजीव नामदेव "राना लिधौरी"*
संपादक- 'आकांक्षा' पत्रिका
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे शिवनगर कालोनी 
टीकमगढ़ (म.प्र.) 472001
मोबाइल-9893520965

©Rajeev namdeo "Rana lidhori" #कविता #आदिवासी #राजीव_नामदेव  #राजीव_नामदेव_राना_लिधौरी #मजदूर  #मजदूर_दिवस 

#CalmingNature