कबूलना कहा था हमे तो उसे भुलाना था बदसलूकी देखिए उसे घर तक भी पहुचाना था Books जिनके बदौलत चला मुलाकातों का सिलसिला आज उन्ही books के पीछे नज़रे छिपाना था आलम ये आ गया कि जो कभी सोचा न था... जिसे "जा" कहा था कभी आज उससे ही जान छुड़ाना था #books #Aashique