"समझकर भी तुम समझते नहीं" बात इतनी-सी है कि बात कुछ भी नहीं समझ कर भी सबकुछ तुम समझते नहीं होने को है यहाँ इंतहा मोहब्बत की मेरी तुम वहाँ दूर बैठे नज़र भर देखते भी नहीं कश्ती डूब रही अब साहिल पर पहुँचकर भी तुम कहते हो ग़लती किसी की कुछ भी नहीं मान लिया हमने दूरियों की वज़ह कुछ नहीं पर इतना बताओ बेवज़ह तो कहीं कुछ नहीं सुनते हो लफ़्ज़-लफ़्ज़ को यकीनन तुम मेरे ओठों से पर कभी कुछ तुम बोलते क्यूँ नहीं अच्छा है अजनबी से अजनबी ही बने रहना पर हम कब से अजनबी हुए बताते क्यूँ नहीं वक़्त-वक़्त की बात है,जो हालात हैं हमारे अब भी हूँ मैं दिल में तुम्हारे,जताते क्यूँ नहीं बात कुछ भी तो नहीं,बात बस इतनी-सी है समझकर भी सबकुछ तुम समझते क्यूँ नहीं.! 🌹 नेहा M'निर्झरा' बात इतनी सी है, बात कुछ भी नहीं। #बातइतनीसीहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi