नशेमन जिसपे टिकते थे,वो दरख्त कहाँ टिका है, कभी सोचा है कि हवाओं को नचाने वाला, पंछियों का वो मधुर गीत किसने लिखा है? कहाँ मिलेगी वो गौरैया अब घरौंदे से तिनका उठाते, काँच के महलों पे वो खग कैसे घोसला बनाते? तुम बताओ कि काँच की दिवारों से पार, क्या तुमे कोई घौंसला दिखा है? नशेमन जिसपे टिकते थे,वो दरख्त कहाँ टिका है? #industrialisation #nature #sparrow #birds #hindi #shayari #yqbaba #yqdidi