मैं फिर जो कोई गीत लिखूं उस गीत की तू ही बोल बने मैं फिर जो कोई ख़्वाब कहुँ उस ख़्वाब की तू ही प्रीत बने हर गीत में मेरे रीत में मेरे प्रीत प्रीत मनमीत में मेरे इक तेरा नाम हो सुमिरन बस तेरा नाम हो सुमिरन मैं फिर जो कोई राग गढ़ु या फिर कोई मैं काव्य रचूं उस काव्य की हर इक रचना में उन शब्दों की संरचना में इक तेरा नाम हो सुमिरन बस तेरा नाम हो सुमिरन मेरी शब्दों में मेरी बातों में मेरे दिल के हर एहसासों में तेरे प्यार का संगम साथ रहे और याद पुरानी बात रहे उन यादो में उन बातों में मेरे दिल के उन एहसासों में इक तेरा नाम हो सुमिरन बस तेरा नाम हो सुमिरन ☺️ मेरी कलम कुछ कहती है ☺️ 💐 रतनेश पाठक 💐 मैं फिर जो कोई गीत लिखूं उस गीत की तू ही बोल बने #poem #nojoto #nojotoHindi #quotes #love