मत करना उज़ागर, मेरी लिखी दास्तां ये, वक़्त मिले तो खुद ही पढ़ना, सारी अनकही कहानियां ये। बहुत बदल गए हो,अब तुममें पहले जैसी बात नहीं, रोकता हूं खुद को मैं, क्यूंकि तुम्हे बदलने की मेरी अब औकात नहीं। © Chaudhary_manish #badalte hai log yahan.... #nojotofriends......