ज़रा ज़रा ही सही आश्ना तो मैं भी हूँ तुम्हारे ज़ख़्म को पहचानता तो मैं भी हूँ न जाने कौन सी आँखों से देखते हो मुझे तुम्हारी तरह से टूटा हुआ तो मैं भी हूँ तुम्हें मनाने का मुझ को ख़याल क्या आए कि अपने आप से रूठा हुआ तो मैं भी हूँ मुझे बता कोई तदबीर रुत बदलने की कि मैं उदास हूँ ये जानती तो तू भी हूँ तलाश अपनी ख़ुद कर अपने वजूद को खो कर ये इश्क़ है इस जिसमे लगा तो मैं भी हूँ... ©ANURAG DUBEY #मैं_अनबूझ_पहेली #मैं_भीड़_नहीं_हूँ_दुनिया_की