सफ़र कठिन और मंजर भयावह था। पहले ही किसे फुरसत थी यहां, और अब कहते है लॉकडाउन था। आदमी, आदमी से ही सहमा था, हर शख्स क्वारांटाइन था। जीवन इक संघर्ष है प्रकृति को ये बतलाना था, कोरोना तो इक बहाना था। ये जो गुज़रा लगता है जीवन का २०-२० था। ©Abhishek yadav #नोजोटोहिंदी #२०२० #new year #bye2020 chandra_the_unique