White अपना समाज है, अपना मिजाज है, अपना रिवाज है, अपना लिहाज है, अपना रियाज है, तुम क्यूं कहते हो -मिल जाओ? हाथ में हथेली की उंगली कहती - अपना -अपना वजन, मिल जाएं तो मुट्ठी 'लाख 'की, दान भी मुद्रा (विशेष), फिर युद्ध भी 'घूंसा', शांति लेकिन शाश्वत करना अभय, यदि रूठे तो, खुले हाथ भी कटार, वो इशारा, समझो संकेत - एकता को अनेकता, अनेकता में एकता, एक ऐसे भी हों, भूल 'मिल जाओ '। ©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #समाज अपना -अपना 🙏🙏 Aaj Ka Panchang Extraterrestrial life Hinduism Entrance examination Kalki Rakesh Srivastava Nitin Chauhan Gurdeep Kanheri Arvind adhar jitendra sharma