टेढ़ी-मेढ़ी लकीरों सी शब्दों से गढ़ते हैं अजीब कहानी। फिर इस कृति को कविता नाम देने की विकट मनमानी॥ यही अगर प्रचलन रहा तो कविता एक दिन फिर रोयेगी। अनगढ़ नए कवियों के पापों को भला कैसे वो धोयेगी॥ रे मूढ़, कुछ लिखो ऐसा कि तुमपर गर्व करे हर प्राणी। उन महान कवियों की कला संग ना करो तुम छेड़खानी॥ ✍🏻@raj_sri #sunona #kavita