कोई पूछो मेरे महबूब से ये मोहब्बत की क़ीमत क्या होगी, ये जान लुटानी ज़रूरी है क्या । क्या क्या कहा कितनी मोहब्बत करता हूं तुमसे, अब इश्क़ की इश्तियाक़ तो तुम हो ये बात बतानी जरूरी है क्या ।। कितने और इम्तिहान और बाकी हैं इसकी हमें मालुमात तो दो, हर बात छुपानी जरूरी है क्या । इस उक़ूबत में कहीं फ़ना न हो जाऊं मोहब्बत से पहले, ये वफ़ा-ए-तहरीर दिखानी जरूरी है क्या ।। कवि योगेश शर्मा ©Yogesh RJ05 #shayri #urdu #poem #SAD