कौन कहता है कि फिर ये हाल नहीं होगा हां ये बात अलग है कि अब मलाल नहीं होगा अब की होली ये गम भी दे जाएगी मुझको फिर लगाने को गुलाल, तेरा गाल नहीं होगा कौन कहता है कि फिर ये #हाल नहीं होगा हां ये बात अलग है कि अब #मलाल नहीं होगा हर बार ये कह के समझा लेते हैं खुद को ये जो हो रहा है शायद अगले #साल नहीं होगा हर रोज़ खुद से वही बेकार से वादे करते हैं अब मेरी बातों में फिर तुम्हारा #ख्याल नहीं होगा