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आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा अरसे बाद फिर व

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा अरसे बाद फिर वही रात आयी है जिसने मेरा सब लूटते देखा,
मेरे ख्वाबों के जहां को मिटते देखा।
कुछ अपनों को अपने वादों से मुकरते देखा, अपनों का अपनों से नाता टूटते देखा।
आज फिर अरसे बाद नीद को आखो से बिछड़ते देखा।

_sweety yadav #arse bad Raat aayi hai.....
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा अरसे बाद फिर वही रात आयी है जिसने मेरा सब लूटते देखा,
मेरे ख्वाबों के जहां को मिटते देखा।
कुछ अपनों को अपने वादों से मुकरते देखा, अपनों का अपनों से नाता टूटते देखा।
आज फिर अरसे बाद नीद को आखो से बिछड़ते देखा।

_sweety yadav #arse bad Raat aayi hai.....