रिश्ते निभाना सब भूले हैं रंजिशो के बदले हैं, वक़्त वही है बस इंसा बदले हैं, मारते हैं या मरते हैं चेहरों पर नकाबों के पर्दे हैं हंस हंस के धोखा खूब दिया है लोगों ने जीना छोड़ दिया है| चिंता देते हैं चिंता लेते हैं रोने की परवाह नहीं घुट घुट के जीना मोल लिया है लोगों ने जीना छोड़ दिया है| सबके दिल में अब मतलब बसता है नफरत का दंश अब सबको डसता है ना खुद जीते हैं ना जीने देते हैं जल जल कर आग उगलता है तड़प तड़प कर मरना मोल लिया है लोगों ने जीना छोड़ दिया है| लोगों ने जीना छोड़ दिया है