ना जाने कितने सपने जला दिए... ना जाने कितने दोस्त भुला दिए... उडने का तो आज भी मन हैं खुले आसमान में... मगर इन जिम्मेदारियों ने साहब, पंख जला दिए.... #shayar #quotes @mohit.tanwar02 -insta @writer__mahi -insta